मतदान के दिन कारोबार, व्यवसाय और औद्योगिक उपक्रम के कर्मचारियों को सवेतन अवकाश की मंजूरी
खंडवा (19 नवम्बर) - भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 25 नवंबर को मतदान के दिन कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या अन्य किसी स्थापन में नियोजित व्यक्ति को इस दिन का सवेतन अवकाश मंजूर किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन और श्रम विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश जारी किए हैं।
आयोग के निर्देश का हवाला देते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों की तरफ शासन का ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश की मंजूरी देने की व्यवस्था है। अधिनियम के अनुसार अवकाश मंजूर किए जाने के कारण किसी ऐसे व्यक्ति की मजदूरी से कोई कटौती या उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी। यदि कोई नियोजक अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करेगा तो उसे 500 रुपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। यह प्रावधान किसी ऐसे निर्वाचक को लागू नहीं होगा जिसकी अनुपस्थिति से उस नियोजन के संबंध में जिसमें वह लगा हुआ है, कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है।
प्रदेश के सभी प्रतिष्ठानों और दुकानों जहाँ शिट (पारी) के आधार पर कार्य होता है, वहाँ भी मतदान दिवस पर बंद के प्रावधान लागू होंगे। हालांकि विधानसभा क्षेत्र का सामान्य निवासी कोई एक व्यक्ति जो वहां निर्वाचक के रूप में पंजीक़त है तथा एक ऐसे औद्योगिक, उपक्रम या प्रतिष्ठान में कार्यरत है जो सामान्यध्उप निर्वाचन क्षेत्र से बाहर का क्षेत्र है, इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि ऐसी स्थिति में संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के बाहर काम कर रहे आकस्मिक वकर्स को भी मतदान दिवस पर सवेतन अवकाश का लाभ मिलेगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अधीन प्रदत्त प्रावधानों के अंतर्गत दैनिक वेतनध्आकस्मिक श्रमिक को भी मतदान के दिन एक अवकाश तथा मजदूरी के हकदार होंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने आयोग के उक्त निर्देशों को सभी संबंधित विभागों और कार्यालयों को अवगत कराने को कहा है।
क्रमांकः 72/2013/1233/वर्मा
खंडवा (19 नवम्बर) - भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 25 नवंबर को मतदान के दिन कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या अन्य किसी स्थापन में नियोजित व्यक्ति को इस दिन का सवेतन अवकाश मंजूर किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन और श्रम विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश जारी किए हैं।
आयोग के निर्देश का हवाला देते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों की तरफ शासन का ध्यान आकर्षित किया गया है, जिसमें मतदान के दिन कर्मचारियों को सवेतन अवकाश की मंजूरी देने की व्यवस्था है। अधिनियम के अनुसार अवकाश मंजूर किए जाने के कारण किसी ऐसे व्यक्ति की मजदूरी से कोई कटौती या उसमें कोई कमी नहीं की जाएगी। यदि कोई नियोजक अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करेगा तो उसे 500 रुपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जाएगा। यह प्रावधान किसी ऐसे निर्वाचक को लागू नहीं होगा जिसकी अनुपस्थिति से उस नियोजन के संबंध में जिसमें वह लगा हुआ है, कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती है।
प्रदेश के सभी प्रतिष्ठानों और दुकानों जहाँ शिट (पारी) के आधार पर कार्य होता है, वहाँ भी मतदान दिवस पर बंद के प्रावधान लागू होंगे। हालांकि विधानसभा क्षेत्र का सामान्य निवासी कोई एक व्यक्ति जो वहां निर्वाचक के रूप में पंजीक़त है तथा एक ऐसे औद्योगिक, उपक्रम या प्रतिष्ठान में कार्यरत है जो सामान्यध्उप निर्वाचन क्षेत्र से बाहर का क्षेत्र है, इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि ऐसी स्थिति में संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के बाहर काम कर रहे आकस्मिक वकर्स को भी मतदान दिवस पर सवेतन अवकाश का लाभ मिलेगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अधीन प्रदत्त प्रावधानों के अंतर्गत दैनिक वेतनध्आकस्मिक श्रमिक को भी मतदान के दिन एक अवकाश तथा मजदूरी के हकदार होंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने आयोग के उक्त निर्देशों को सभी संबंधित विभागों और कार्यालयों को अवगत कराने को कहा है।
क्रमांकः 72/2013/1233/वर्मा
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