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Thursday, March 13, 2014

पेड न्यूज पर पत्रकार कार्यशाला सम्पन्न पी.पी.टी. के माध्यम से मीडिया संस्थान के प्रतिनिधियों को दी पेड न्यूज से संबंधित अहम जानकारी कलेक्टर नीरज दुबे ने कहा लोकसभा निर्वाचन, 2014 की उत्कृष्ट रिर्पोटिंग करने वाले संस्थान और पत्रकार को किया जायेगा सम्मानित

पेड न्यूज पर पत्रकार कार्यशाला सम्पन्न
पी.पी.टी. के माध्यम से मीडिया संस्थान के प्रतिनिधियों को दी पेड न्यूज से संबंधित अहम जानकारी
कलेक्टर नीरज दुबे ने कहा लोकसभा निर्वाचन, 2014 की उत्कृष्ट रिर्पोटिंग करने वाले संस्थान और पत्रकार को किया जायेगा सम्मानित












खंडवा (13 मार्च, 2014) - लोकसभा निर्वाचन, 2014 के तहत् गुरूवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज दुबे की अध्यक्षता में मीडिया प्रमाणीकरण एवं मूल्यांकन समिति तथा पेड न्यूज पर पत्रकारों के लिये कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला में उप जिला निर्वाचन अधिकारी एस.एस.बघेल, जिला मुख्यालय के मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि तथा एम.सी.एम.सी. के सदस्य तथा आकाशवाणी के एम.के.कुलकर्णी उपस्थित थे। 
                        कार्यशाला में जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. के सदस्य सचिव व जिला जनसम्पर्क अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने पावर पाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यशाला में उपस्थिति संचार प्रतिनिधियों को पेड न्यूज व एम.सी.एम.सी. के प्रावधानों से अवगत कराया। श्री वर्मा ने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने ऐसे समाचार अथवा ऐसा निर्वाचन विश्लेषण, जिसके प्रकाशन और प्रसारण के लिये शुल्क का भुगतान किया है, को पेड न्यूज माना है। भारतीय प्रेस परिषद की मार्गदर्शिका के अनुसार सभी प्रकाशनों में न्यूज को स्पष्ट रूप से सीमांकित किया जाना चाहिये तथा विज्ञापन से भिन्न होना चाहिये। सभी राजनैतिक दलों की सर्व-सम्मति से 4 अक्टूबर 2010 और 9 मार्च 2011 की बैठक अनुसार निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज के विरूद्ध कड़े उपाय करने का निर्णय लिया है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जून 2010 के शुरू में पेड न्यूज के मामलों को चिन्हित करने, संवीक्षा करने तथा इनकी जानकारी आयोग को देने के निर्देश राज्य और जिला अधिकारियों को जारी किये गये हैं। आयोग ने पेड न्यूज की जांच के लिये जिला और राज्य स्तर पर एक मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) नियुक्त की है। एम.सी.एम.सी. में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और राज्यों के जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। समिति मीडिया में जारी समाचार की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन की पहचान करने के लिये अपने क्षेत्राधिकार के भीतर पेड न्यूज की जांच करेगी।  
जिला एम.सी.एम.सी. पेड न्यूज के मामले पाए जाने पर रिटर्निंग अफसर को सूचित करेगी। सूचना के आधार पर रिटर्निंग अफसर अभ्यर्थी को पेड न्यूज के व्यय को निर्वाचन व्यय में शामिल किये जाने के नोटिस जारी किये जायेंगे। एम.सी.एम.सी. सेे नोटिस जारी होने के 48 घण्टे के अंदर संबंधित अभ्यर्थी से जवाब न मिलने पर एम.सी.एम.सी. का निर्णय अंतिम होगा। यदि जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. का निण्रय अभ्यर्थी के लिए स्वीकार्य नहीं है तो वह निर्णय की प्राप्ति के 48 घण्टे के भीतर जिला एम.सी.एम.सी. को जानकारी देते हुये राज्य स्तर एम.सी.एम.सी. के लिए अपील कर सकते हैं। राज्य एम.सी.एम.सी. अपील प्राप्त होने के 96 घण्टे में प्रकरण का निराकरण करेगी। राज्य एम.सी.एम.सी. के निर्णय के विरूद्ध अभ्यर्थी आदेश प्राप्त होने के 48 घण्टे में भारत निर्वाचन आयोग में अपील कर सकेगा। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग का निर्णय अंतिम होगा। इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रकरण, आयोग द्वारा नेषनल ब्राडकास्टिंग स्टेंडर्ड अथाॅरिटी को भेजे जायेंगे।
उत्कृष्ट रिपोर्टिंग पर मीडिया संस्थान एवं पत्रकार होंगे पुरष्कृत :- पेड न्यूज पर आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज दुबे ने कहा कि शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष निर्वाचन में मीडिया की अहम भूमिका होती है। मीडिया सम्पूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को आम नागरिकों के लिये पारदर्शी बनाता है। इसलिये मीडिया प्रयासांें को मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि लोकसभा निर्वाचन, 2014 में उत्कृष्ट रिपोर्टिंग एवं मतदाताओं अपने मताधिकार के प्रति जागरूक में अहम किरदार निभाने वाले मीडिया संस्थानों एवं पत्रकारों को मतदाता दिवस, 2015 में जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जायेगा। 
प्रत्याशी विशेष पर आधारित न हो समाचार:- अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी एस.एस.बघेल ने बताया कि  एक ही पृष्ठ पर प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के ऐसे समाचार तथा लेख जिनमें दावा किया जाय कि दोनो उम्मीदवारों के जीतने की सम्भावनाएं है तथा ऐसे समाचार जिनमें यह दावा किया जाए कि उम्मीदवार को समाज के सभी तबकों का समर्थन प्राप्त है और वही चुनाव जीतेगा, पेड न्यूज के दायरे में आते हैं। साथ ही किसी समाचार पत्र में बैनर, हैडलाइन में प्रकाषित किया जाय कि अमुक पार्टी या उम्मीदवार इस बार चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा तथा समाचार जिसमें उल्लेख किया गया हो कि इनके कारण प्रतिद्वंदी उम्मीदवार चुनाव मैदान से लगभग बाहर है, भी पेड न्यूज के कुछ उदाहरण हैं। 
                     पेड न्यूज के प्रकरणों में 2010 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में निर्वाचन आयोग ने 121 प्रकरणों में नोटिस जारी किये हैं। असम, केरल, पष्चिम बंगाल, पाॅडीचेरी तथा तमिलनाडु में 250 से ज्यादा नोटिस जारी किये गये है। गत् वर्ष के विधानसभा चुनावों के दौरान 766 षिकायतें प्राप्त हुयी। इनमें से 581 प्रकरणों में नोटिस जारी किये गये है। 253 प्रकरणों में उम्मीदवारों ने अपने चुनाव खर्चो में शामिल किया। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013 में पेड न्यूज के 42 प्रकरण चिन्हित किये गये। कार्यशाला में पत्रकारों ने सुझाव भी रखे। निगेटिव पेड न्यूज, चुनाव विश्लेषणों और प्री पोलिंग सर्वे पर भी सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर जिला स्तरीय एम.सी.एम.सी. कमेटी में सहयोगी अधिकारी जिला प्रबंधक लोकसेवा शैलेन्द्र सिंह जादम, मीडिया अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक तिवारी, मीडिया अधिकारी स्वास्थ्य विभाग व्ही.एस.मण्डलोई और सहायक प्राध्यापक कर्मवीर विद्यापीठ शिवेन्द्र मिश्रा उपस्थित थे। 
टीप:- फोटो मेल की गई हैं। 
क्रमांक: 84/2014/442/वर्मा

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