जनसाधारण के लिए मोबाइल नंबर विज्ञापन के रूप में प्रकाशित हो
आपत्तिजनक एसएमएस करने वालों के खिलाफ पुलिस करे सख्त कार्रवाई
थोक से किये जाने वाले एस.एम.एस. पर मतदान से पहले 48 घण्टे के दौरान रहेगा प्रतिबंध
खंडवा (19 मार्च, 2014) - भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव कानून का उल्लंघन करने वाले आपत्तिजनक एसएमएस के संबंध में कड़ी कार्रवाई किये जाने के संबंध में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया है कि ऐसे मोबाइल नंबर से जिनसे चुनाव कानून का उल्लंघन करते हुए आपत्तिजनक एसएमएस किये गए हैं उनका पता लगाकर जनसाधारण की जानकारी के लिये विज्ञापन के जरिए उक्त मोबाइल नंबर का प्रकाशन करवाया जाये। जिस मोबाइल नंबर से आपत्तिजनक एसएमएस किये गये हैं, उसके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाये।
चुनाव प्रचार के एक वैकल्पिक साधन के रूप में उम्मीदवार द्वारा बड़ी संख्या में एसएमएस किये जाते हैं तो इसकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को तत्काल दी जाये, जिससे एसएमएस पर किये गये खर्च की जानकारी सेवा प्रदत्त संचार कंपनी से ली जा सके। जानकारी मिलने पर उक्त खर्च को उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जा सकेगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रचार कार्य में कोई राजनैतिक दल बगैर उम्मीदवार का नाम लिये थोक (बल्क) एसएमएस भेजता है तो यह कार्य राजनैतिक दल का सामान्य चुनाव प्रचार के रूप में समझा जाये। यह खर्च उम्मीदवार के खाते में न जोड़ा जाये। निर्वाचन आयोग के अनुसार थोक में किये जाने वाले एसएमएस संदेशों का मतदान की तारीख से पहले 48 घंटे के दौरान प्रतिबंध रहेगा।
तय निर्वाचन प्रक्रिया के अनुसार शनिवार 29 मार्च तक नाम-निर्देशन पत्र वापिस लिए जा सकेगें। निर्वाचन आयोग ने देश के अन्य राज्यों सहित मध्यप्रदेश में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान करवाने का निर्णय लिया है। दूसरे चरण के लिए 17 अप्रैल को मतदान होगा।
क्रमांक: 106/2014/464
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